हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ईरान के ज़ंजान शहर में जुमे की नमाज़ के दौरान हज़रत हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद मुस्तफ़ा हुसैनी ने हाल ही में ईरान पर इस्राईली हमले का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह घटना अल्लाह के वादे की सच्चाई का प्रदर्शन थी। उन्होंने कहा कि ईरानी जनता ने मज़बूत इरादे और इलाही मदद पर भरोसा करते हुए दुश्मन की साज़िशों को नाकाम बना दिया।
उन्होंने बताया कि १२ दिन की यह जंग न सिर्फ़ इस्राईल के मक़सदों को नाकाम कर गई, बल्कि हज़ारों इस्राईली नागरिकों को अपने घरों से भागने पर मजबूर किया।
हुसैनी ने इसे सिर्फ़ सैन्य जीत नहीं बल्कि 'जंग-ए-मआरिफ़त' में भी ईरान की बड़ी कामयाबी बताया। उन्होंने कहा कि एक महिला टीवी एंकर का डटकर खड़ा रहना पूरे मुल्क की हिम्मत और स्थिरता की मिसाल बन गया, जिससे दुनिया में ईरान के हक़ में हमदर्दी और इस्राईल की आलोचना बढ़ी।
उन्होंने ईरान की डिप्लोमैसी की भी तारीफ़ की और कहा कि दुश्मन जिस "थोपी हुई सुलह" की बात करता है, वह हुदैबिया की सुलह की तरह है, जो बड़ी फतह की भूमिका बनती है।
सैयद मुस्तफ़ा हुसैनी ने कहा कि अब इस फतह को स्थायी बनाने का वक्त है और हमारा काम अभी पूरा नहीं हुआ है। हमें और ज्यादा मजबूती से इस जीत को दुनिया के सामने पेश करना होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि मुहर्रम को इस साल पहले से ज़्यादा जोश और जज़्बे के साथ मनाना चाहिए क्योंकि यह जिहाद और हक़ की फतह की याद दिलाने वाला महीना है।
अंत में, उन्होंने चेतावनी दी कि आज जो भी आवाज़ तफ़रक़ा फैलाएगी, वह चाहे अनजाने में हो या जानबूझकर, दुश्मन की ज़मीन पर खेल रही होगी। हमें जिहाद-ए-तबलीग, सांस्कृतिक संघर्ष और सैन्य मोर्चे पर एकजुट रहना होगा। ईरान की सेना पूरी तरह तैयार है और हर चाल का मुंहतोड़ जवाब देगी।
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